तुम्हारी नज़दीकियों ने मजबूर कर दिया
हमे इक दूजे से कितना दूर कर दिया
दूर से ही लेते रहो सबकी हाल ख़बर
मानो किस्मत ने यही दस्तूर कर दिया
सबकी ख़ैरियत के वास्ते करते हैं हम दुआ
चलो अच्छा हुआ तुमने ख़बर ज़रूर कर दिया
तुम्हारी ख़ैरियत की ख़बर सुनके तुमने
हमारी तबियत को ही मसरूर कर दिया
कुछ यूँ ही कर लेते हैं बयां हाल दिल का
एक और ग़ज़ल 'काविश' ने मस्तूर कर दिया !