मजबूर कर दिया।

    Author: Kaavish Genre: »
    Rating


    तुम्हारी नज़दीकियों ने मजबूर कर दिया
    हमे इक  दूजे से  कितना  दूर कर  दिया

    दूर से ही  लेते रहो  सबकी हाल ख़बर
    मानो किस्मत ने यही  दस्तूर कर दिया

    सबकी  ख़ैरियत  के वास्ते करते  हैं हम  दुआ
    चलो अच्छा हुआ तुमने ख़बर ज़रूर कर दिया

    तुम्हारी ख़ैरियत  की ख़बर  सुनके तुमने
    हमारी तबियत को ही मसरूर कर दिया

    कुछ  यूँ ही कर  लेते हैं  बयां  हाल  दिल का
    एक और ग़ज़ल 'काविश' ने मस्तूर कर दिया !

    Leave a Reply