मेरी शायरी


    ना कोई दुआ ज़ाया जाये, कोई तावीज़ भी ना टूटे
    सफर छूटता है तो छूटे लेकिन हमसफर ना छूटे




    सोची ना समझी बस
    साज़ों में पिरोयी जायेगी
    तुम वो धुन हो मेरी
    जो मेरे गीतों में गायी जायेगी !

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