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मजबूर कर दिया।
तुम्हारी नज़दीकियों ने मजबूर कर दिया हमे इक दूजे से कितना दूर कर दिया दूर से ही लेते रहो सबकी हाल ख़बर मानो किस्मत ने यही द...
इक लड़की से यारी है
कितनी ये दुश्वारी है मुश्क़िल मेरी जारी है सब से मेरी अनबन है इक लड़की से यारी है हर बाज़ी हमने जीती दिल की बाज़ी हारी है हमने तो सा...
कविता : किसकी तुझे तलाश है?
किसकी तुझे तलाश है कर रहा क्या विचार तू? जागता है रात भर देखता है ख़्वाब तू देख ना तू राह को राह का निर्माण कर चलना तू राह पर मं...
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मेरी शायरी
ना कोई दुआ ज़ाया जाये, कोई तावीज़ भी ना टूटे
सफर छूटता है तो छूटे लेकिन हमसफर ना छूटे
सोची ना समझी बस
साज़ों में पिरोयी जायेगी
तुम वो धुन हो मेरी
जो मेरे गीतों में गायी जायेगी !
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